कोरा था मेरा मन कोरे थे हम हाथों में थाम सकें तुम्हें न था मुझमे दम कोलाहल भरा मस्तिष्क था काँपते हुए आखर लेखनी तेरी पहली मुलाकात ने बना दिया साक्षर। ©अलका मिश्रा ©alka mishra #pehlimulakat