तुम इसे कुछ भी कहो जानो, समझो मानो या ना मानो ये प्यार ही है तुमसे मेरा और मेरा तुमसे तुम्हारे आँखों में बसे सपने और उन सपनो में बसा मैं ऐसे ही तो नहीं है हाँ तुम्हे प्यार है मुझसे और मुझे तुमसे मान भी लो ना अब पता नहीं दुनिया से तुम डरती क्यों हो इजहारे-इश्क करती ना क्यों हो तुम्हे पता नहीं मेरा दिल भी तुम्हारे लिए जोरो से धडकता है तुम्हे देखने को तरसता है तुमसे मिलने को तड़पता है दुनिया डराती है और तुम डर जाती हो तुम क्यों मुझसे अपने दिल का हाल छिपाती है हाँ मैं देख लेता हूँ तुम्हारी आँखों में तुम मुझसे बस मुझसे प्यार करती हो--अभिषेक राजहंस तुम मुझसे..