वो हर रोज बिखरती है हजारों टुकड़ों में फिर ना जाने कैसे हर रात बिखरे खुद को बड़ी शिद्दत से अपने जुड़े में सवार लेती है #बिखरे #शिद्दत #वोलड़की #हररात