मुझे खिडकियों से क्या देखते हो । तुम्हारा भी तो मैं ही आसमाँ हूँ ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुझे खिडकियों से क्या देखते हो । तुम्हारा भी तो मैं ही आसमाँ हूँ ।। महेन्द्र सिंह प्रखर #chhat