Nojoto: Largest Storytelling Platform

मुझे खिडकियों से क्या देखते हो । तुम्हारा भी तो मै

मुझे खिडकियों से क्या देखते हो ।
तुम्हारा भी तो मैं ही आसमाँ हूँ  ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुझे खिडकियों से क्या देखते हो ।
तुम्हारा भी तो मैं ही आसमाँ हूँ  ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

#chhat
मुझे खिडकियों से क्या देखते हो ।
तुम्हारा भी तो मैं ही आसमाँ हूँ  ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुझे खिडकियों से क्या देखते हो ।
तुम्हारा भी तो मैं ही आसमाँ हूँ  ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

#chhat

मुझे खिडकियों से क्या देखते हो । तुम्हारा भी तो मैं ही आसमाँ हूँ ।। महेन्द्र सिंह प्रखर #chhat #कविता