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सूखे पेड़ फिर से हरियाली की आस में,,, पनप जाता है

सूखे पेड़ फिर से हरियाली की आस में,,, 
पनप जाता हैं एक नन्हा पौधा भी चट्टानों में,,, 
बिना पानी, बिना खाद, बिना संरक्षण के भी अभावों ,,, 
ठूंठ रह जाते है वे तरू भी समाहित जिनकी जड़े धरती और पानी में

©rajeshwari Thakur
  #तरू