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मेरी बेटी बड़ी हो गई है, सामने आ कर खड़ी हो गई है,

मेरी बेटी बड़ी हो गई है,
सामने आ कर खड़ी हो गई है,
ओस सी जो नाजुक थी,
चट्टान सी कड़ी हो गई है,
हरदम जैसे सोई रहती है,
ख्यालों में बस खोई रहती है,
कभी पागलों की तरह हंसती है,
कभी पागलों की तरह रोती है,
दिखने में वो अहमक नहीं है,
लेकिन मुझसे वो सहमत नहीं है।

©Harvinder Ahuja #लाडो 

#LookingDeep
मेरी बेटी बड़ी हो गई है,
सामने आ कर खड़ी हो गई है,
ओस सी जो नाजुक थी,
चट्टान सी कड़ी हो गई है,
हरदम जैसे सोई रहती है,
ख्यालों में बस खोई रहती है,
कभी पागलों की तरह हंसती है,
कभी पागलों की तरह रोती है,
दिखने में वो अहमक नहीं है,
लेकिन मुझसे वो सहमत नहीं है।

©Harvinder Ahuja #लाडो 

#LookingDeep