कभी में उसके नाम का ज़िक्र अपने घर वालो के सामने किया करता तो कभी वो मेरे साथ, सात फेरों की बात अपने घर वालों से कहाँ करती कभी में उसकी तारिफ़ अपने अजीज़ दोस्तों से किया करता तो कभी वो मेरे क़िस्से अपने सहेलियों से सुना करती एक दूजे को छोड़ किसी औऱ के पास जाने की बात पर एक दूसरे को मारने पीटने की बात किया करते कभी उसको किसी के डाँटने पर में उनसे उलझ जाया करता कभी वो उसके सहेलियों पर मुझे चिल्लाने की बात पर लड़ने की बात किया करती दोनों इस क़दर समाहित थे एक दूजे में की हर लम्हा ख़ुशनुमा पलों में सुमार था कभी वो मेरे बालों में अपने हाथों को फ़ेर मुझे ग़हरी नींद का एहसास देती कभी में अपने हाथों से उसके बालों में तेल लगा उन्हें लंबे औऱ घने करने में उसका साथ देता क़भी में उसके होंठो को अपने होठों से लगा अपने बंजर होठों को नमी में बदलता कभी वो मेरे गालों पर चुम्भन कर अपने प्यार का इज़हार करती। #mohabbat part-2 #quote #tranding #nojoto #nojotohindi #nojotooriginal #nojotowritingclub #nojotonews #nojotocomedy #nojotomusic