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कितनी तेज़ी से वक़्त हथेलियों से फिसल गया यूँ तो अ

कितनी तेज़ी से 
वक़्त हथेलियों से 
फिसल गया
यूँ तो अभी 
जवानी है 
पर वो बचपन 
किधर गया?
फिर बुढ़ापा 
हाथ खींचेगा
इंच-दर-इंच जीवन
लकीर खींचेगा
कितनी तेज़ी से
वक़्त बीत जाता है
इस छोर से उस छोर
का सफ़र ख़त्म हो जाता है
कितनी तेज़ी से!
कितनी तेज़ी से!!

©Ashraf Fani【असर】
  कितनी तेज़ी से 
वक़्त हथेलियों से 
फिसल गया
यूँ तो अभी 
जवानी है 
पर वो बचपन 
किधर गया?
फिर बुढ़ापा

कितनी तेज़ी से वक़्त हथेलियों से फिसल गया यूँ तो अभी जवानी है पर वो बचपन किधर गया? फिर बुढ़ापा #शायरी #ashraffani #Chalachal

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