मौहब्बत जब तन्हा होती दामन अपना आंसुओं में भिगों लेती कसमें, वादे, प्यार और वफा से नफरत करती दस्तूर बेवफाई का शिकवा भी न कर पाती चुप रहकर दर्दे दिल को स्वयं ही सांत्वना देती नजर आती ✍💔 कमल भंसाली सांत्वना