गम-ए-तीरगी में शब का आलम ऐसा गुजरा हम चराग़ मोहब्बत के जलाना भूल गए गम-ए-हिज़्र में यार के अज़ाब ऐसा गुजरा हम सहर तलक़ पलकें झपकाना भूल गए ©Dr Shefali Sharma गम-ए-तीरगी में शब का आलम ऐसा गुजरा हम चराग़ मोहब्बत के जलाना भूल गए....... गम- ए-तीरगी-sorrow of dark गम-ए-हिज़्र-sorrow of separation सहर-morning