आज हर कोई व्यसनों का शिकार बन चुका है, और दोष देते हैं संगत को .... कि संगत से गुण आत है और संगत से गुण जात है.. पर ये मत भूलो की कमल भी कीचड़ में ही खिलता है और अपने आस्तित्व को कभी मिटने नहीं देता.. इसलिए तुम अपनी बुरी लतों को ठीकरा फैशन और संगत के नाम पर मत फोड़ों.... फैशन के नाम पर अपने संस्कारों की बली मत चढ़ाओ.... अपने आस्तित्व की रक्षा करना तुम्हारा तुम्हारे प्रति प्रथम कर्तव्य है। जिसका निर्वाह तुम्हें खुद के फायदे के लिए करना है ना कि दूसरों के लिए.... ©kalpana srivastava #कर्तव्य