कविता लिखी हजार पर सबमिट नहीं हुआ लिखना हुआ बेज़ार जब सबमिट नही हुआ क्या बात है आती नही नींद रात भर लिखती रही तमाम पर सबमिट नहीं हुआ ©purvarth # raat bhar