दरख्तों ने दरमियां कुछ फासले रख छोड़े हैं छन छन कर थोड़ी सी धूप सर्दियों की सुबह मेरे करीब दो पल ठहरे महज सांस लेने की जगह नहीं छोड़ी अोस की बूंदों के कुछ नम कतरे चांद से टूटकर उतरे महसूस होती रहे छुअन सर्द सी रूहों को जिंदगी अहसास के अहसान तले हरपल दबी रहना चाहे। प्रीति #फासलेदरमियां #yqdidi