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छोड़ के वतन न जइयो तुम परदेश रे,, सारे जहां से न्य

छोड़ के वतन न जइयो तुम परदेश रे,,
सारे जहां से न्यारो भारत देश रे,,

वहां कोई ना होगा अपना,
अधूरा लगेगा हर सपना,
सतायेगे तनहाईयों के मेले,
जायेगें ना तन्हा गम झेले,,
कुछ ना मिलेगा जाके विदेश रे,,,
सारे जहां से .....

©Pagal Sba
  Bharat Desh 🇮🇳🇮🇳🇮🇳 #poem #geet #Song  #Poetry
ayaanthakur8902

Pagal Sba

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