चिकित्सक ही तुम्हारे हैं। उन्हीं के हम सहारे हैं।। दिवस स्वास्थ्य का यारो, मना लो हम न हारे हैं। न मारो तुम अरे पत्थर, ख़ुदा वो ही हमारे हैं। नहीं अफ़वाह को मानो, कहो किसके इशारे हैं। न कोरोना हरा पाये, लिए वो लक्ष्य प्यारे हैं। तुम्हारे द्वार आये हैं, हमारे नैन तारे हैं। लिए हैं जां हथेली में, किसी माँ के दुलारे हैं। #स्वरचित ठा.सुभाष सिंह, कटनी म.प्र. @सर्वाधिकार सुरक्षित