अभी तो नापी है दो गज जमीन, अभी तो सारा आसमान बाकी है। चल पड़े हैं अपने रास्ते, अभी तो पूरा जहान बाकी है। कारवां गुजरें होंगे हजारों इस रास्ते से, लेकिन अभी तो हमारा मुकाम बाकी है। तूफानों से कह दो, ले ले आजमाइश जितनी भी, अभी तो ना जाने, ऐसे कितने इम्तिहान बाकी है। गर्दिश में हैं सितारे बेशक, मेरी फितरत है उबरना, अभी तो ना जाने, कितने ऐसे ब्रह्मांड बाक़ी है। जोर लगना है लगा लो जितना, इरादे है पहाड़ झुकना नाकाफी है। ----------------आनन्द ©आनन्द अभी तो नापी है दो गज जमीन, अभी तो सारा आसमान बाकी है।