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हसरत और हक़ीक़त बहुत थी हसरतें मन में ,यहाँ जाऊं ,

हसरत और हक़ीक़त 

बहुत थी हसरतें मन में ,यहाँ जाऊं ,वहां जाऊं 
खरीदूं  सारी दुनिया को ,यहाँ खाऊं ,वहां खाऊं 
चाह  थी देख लूं दुनिया ,मगर कर पाया ना ऐसा 
रह गयी दिल की सब दिल में,नहीं था पास में पैसा 
उमंगों को लग गए  पर ,करी  जी तोड़ कर मेहनत 
जवानी भर ,इसी धुन में ,बिगाड़ी अपनी सब सेहत
pramodkumar5551

Pramod Kumar

Silver Star
New Creator

हसरत और हक़ीक़त बहुत थी हसरतें मन में ,यहाँ जाऊं ,वहां जाऊं खरीदूं सारी दुनिया को ,यहाँ खाऊं ,वहां खाऊं चाह थी देख लूं दुनिया ,मगर कर पाया ना ऐसा रह गयी दिल की सब दिल में,नहीं था पास में पैसा उमंगों को लग गए पर ,करी जी तोड़ कर मेहनत जवानी भर ,इसी धुन में ,बिगाड़ी अपनी सब सेहत #Hindi #poem #BestDad

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