मेरी हालत-ए-हाल मेरी ही नजर कर के चली गई फिर रात आयी उसके बाद और फिर रात भी गई तमाम उम्र मैं मुयाबज़ो में जिंदगी जीता रहा यानी ख़ैरात की जिंदगी ख़ैरात में दे दी गई इक राज की बात थी जिसे मैं सबसे छुपाता था लेकिन ये ही बात मुझसे सबसे पहले पूछी गई ओर ले दे के इक जिंदगी ही थी मेरे पास जिंदगी सवारने के ख्याल में जिंदगी उजाड़ दी गई तुम लौट जाओ इन हसीं वादियों से फ़िराक़ श़ौक-ए-सुख़न में अच्छे अच्छों की कमाई गई ©Prince_firaaq हालत-ए-हाल #HeartBook