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212  x  4 छोड़कर  हम    तेरा वो    नगर दोस्तों। भ

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छोड़कर  हम    तेरा वो    नगर दोस्तों। 
भूल बैठें हैं  हम   दार-ओ-दर   दोस्तों।। 

प्यार की बूँद   इक भी मिली   ना मुझे। 
हो गया हूँ    मैं   सूखा  शजर   दोस्तों।। 

एक  डर है   जो उनको  नहीं देखता। 
लग न जाए    मे'री ही  नज़र  दोस्तों।।

हाल उनका है क्या दिल परेशान है।
उनकी मिलती नहींअब ख़बर दोस्तों।। 

दिल ये उनके लिए ही फ़िकरमंद है। 
मेरी' उनको  नहीं    है फ़िकर दोस्तों।। 

मधुसूदन श्रीवास्तव

©Madhusudan Shrivastava
  दोस्तों

दोस्तों #शायरी

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