उससे चाहत की चाह रखी तो आह मिली हमें दोबारा फिर इश्क़ न करना ये सलाह मिली हमें। हमने ख़ुशी की चौखट पर रात भर अश्क़ बहाए सुबह हुई तो फ़क़त ग़म की पनाह मिली हमें। अचानक नींद खुली तो ख़याल-ए-ज़ीस्त आया ग़ौर से देखा तो ज़ीस्त हमारी तबाह मिली हमें। पुराने इश्क़ का फरेब और न हमसे झेला जाता अच्छा हुआ कि नए इश्क़ की अफ़्वाह मिली हमें। यूँहीं मौत की बाहों में समाकर न मुस्कुराते हम क्या कहे कि इसीसे ज़रा सी परवाह मिली हमें। -Johnny Ahmed 'क़ैस' #johnnyahmed #Love #ghazal #Shayari