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White क्यों समां आज ख़ामोश हुआ, क्यों खामोशी का मं

White क्यों समां आज ख़ामोश हुआ,
क्यों खामोशी का मंज़र।
लेखक मन की बड़ी शरारत,
कभी घोर बारिश सा बरसे, 
तो कभी कभी हो जाता बंजर।।

©आगाज़
  #खामोशी  aditi the writer Niaz (Harf)