गर पेड़ों को तुम काटोगे, पर्वतों को जो छाँटोगे, नदियों पर बाँध बनाकर जल प्रवाह को रोकोगे। तुम प्रकृति के विरुद्ध घिनौने कार्य जो कर रहे हो, वर्तमान के चक्कर में स्वयं भविष्य खराब कर रहे हो। प्रकृति खिलवाड़ ख़ुद से अब और नहीं सह पाएगी, एक ना एक दिन कुदरत अपना रौद्र रूप दिखाएगी। समय सीमा : 04 - Jun , 10:00 AM तक । #___कृपया_सारे_नियम_ध्यान_से_पढ़ें। 👇 प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रतियोगिता के समय सीमा के अंदर ही आप को Collab कर अपनी रचना लिखनी होगी। समय खत्म होने के बाद आप Collab कर सकते हैं पर प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो सकते हैं। प्रतियोगिता के नियम :