#AzaadKalakaar कितने रक्षाबंधन बिना राखी बन्धवाये गुजारे थे, उसको देश के सभी बहन-भाई बहुत प्यारे थे। एक ख्वाहिश हमेशा दिल में रखता था, रहे मेरा देश खुशहाल हमेशा, इसी प्रयास में वो रहता था। मौत आयी थी जब लेने, तब भी कर्तव्य पथ पर डटा रहा था। हो गई थी जब गोलियां खत्म, तो निहत्था ही दुश्मनो को मिटा रहा था। ...................आनन्द ©आनन्द #आनन्द_गाजियाबादी #राखी #रक्षाबंधन #भारतीय_सेना #Anand_Ghaziabadi