इश्क-ए-बनारस... कुछ दिन ही साथ गुजरी थी तेरे मैने तब खुद को पहचाना था हां इश्क हुआ था मुझको भी, बनारस मै भी तेरा दिवाना था। वो CHS का पहला दिन पूरा हुआ सपना पुराना था।