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बच्चा अनाथ अकेलेपन के दर्द से रो रहा था, लोग शांत

बच्चा अनाथ अकेलेपन के दर्द से रो रहा था,
लोग शांत मन से कह रहे थे कि शोर हो रहा था,
एक हाथ भी नहीं पहुंचा मासूम की तरफ सहलाने को,
हा लोग इकट्ठा हो गए लाठियों से उसे भागने को,
दीवाली पे सुना है घर को साफ करते है लोग,
क्या सही है देना उस मासूम बच्चे को चोट,
वो जख्मी था तुम्हारे छोड़े पठाखो की वजह से,
छोटा सा झोपड़ा भी जला लगाई आग की वजह से,
वो कहां जाए कपकपाती जाड़ों वाली रात में,
बेचारा जख्मी था सो गया तुम्हारे बंगलों के पास में,
तुमने तो इंसानियत भी नहीं बक्शी उस मासूम को,
दिखा दिया हावी होते शैतानियत वाले जुनून को,
वो रोता लंगड़ता तुम्हारा चौखट छोड़ भाग गया,
पर एक सबक इंसानियत का वो संग लेता गया,
यहां कमजोरों को कोई जगह नहीं मिला करती है,
और पैसे पे सारी दुनिया झुका करती है।
 ज़रा सी ऊँची आवाज़ में बात करना तक हमें पसंद नहीं मगर जब बात आती है शोर फैलाने की तो हम सब से आगे रहते हैं। किसी भी प्रकार का प्रदूषण विरोधी आंदोलन भी एक प्रकार का झूठ ही साबित होता है आज के दिन। ऐसे में शुरुआत कहाँ से हो, कैसे हो।

लिखें अपने विचार।

#शोर
#पटाख़े
#ध्वनिप्रदूषण 
#collab
बच्चा अनाथ अकेलेपन के दर्द से रो रहा था,
लोग शांत मन से कह रहे थे कि शोर हो रहा था,
एक हाथ भी नहीं पहुंचा मासूम की तरफ सहलाने को,
हा लोग इकट्ठा हो गए लाठियों से उसे भागने को,
दीवाली पे सुना है घर को साफ करते है लोग,
क्या सही है देना उस मासूम बच्चे को चोट,
वो जख्मी था तुम्हारे छोड़े पठाखो की वजह से,
छोटा सा झोपड़ा भी जला लगाई आग की वजह से,
वो कहां जाए कपकपाती जाड़ों वाली रात में,
बेचारा जख्मी था सो गया तुम्हारे बंगलों के पास में,
तुमने तो इंसानियत भी नहीं बक्शी उस मासूम को,
दिखा दिया हावी होते शैतानियत वाले जुनून को,
वो रोता लंगड़ता तुम्हारा चौखट छोड़ भाग गया,
पर एक सबक इंसानियत का वो संग लेता गया,
यहां कमजोरों को कोई जगह नहीं मिला करती है,
और पैसे पे सारी दुनिया झुका करती है।
 ज़रा सी ऊँची आवाज़ में बात करना तक हमें पसंद नहीं मगर जब बात आती है शोर फैलाने की तो हम सब से आगे रहते हैं। किसी भी प्रकार का प्रदूषण विरोधी आंदोलन भी एक प्रकार का झूठ ही साबित होता है आज के दिन। ऐसे में शुरुआत कहाँ से हो, कैसे हो।

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#collab
sbhaskar7100

S. Bhaskar

New Creator

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