अगर रिश्तों में थोड़ी सी भी खटास हो, तो ये ज़रूरी है कि, वक्त रहते इत्मीनान से बात हो; कोई पहलू रह जाए समझने या समझाने में, अगर तो बुद्धिमानी है कि स्वभाव, उस वक्त दोनों का सुनने सुनाने को शांत हो; दूरियां कभी कभी सवाल जगा देते हैं, मन में कई द्वेष आक्रोश के, मिल कर ये मिट जाए सब यही निर्यात हो; रिश्ते निभाने की जब लालसा हो दिल से, तो थोड़ा थोड़ा मिलकर संभाल लें डोर, बस यही आशा और विश्वास पर्याप्त हो।। अकसर अपनों कि कुछ बातें, वादे, हरकतें और आचरण कष्टदाई होते हैं, मगर हर बार वह आहत के उद्देश्य से नहीं होता। कभी कभी कुछ आचरण वक्त की मार की वजह से होती है, कभी कुछ कर गुजरने का जुनून, कभी आने वाली ज़िम्मेदारियों की चिंता आदि। कारण बहुत सारे हो सकते है या फिर भी नहीं भी हो तो अगर वो रिश्ता टूटता दिख रहा है तो ये एक बार ज़रूर देख लेना की कहीं ये सब तुम्हारे दिमाग का वहम थी नहीं। क्योंकि बिना सामने बात किए इस बारे में कोई भी ठोस कदम उठाना घातक हो सकता है ।। सोच समझ कर कोई फैसला लेना चाहिए।। #yqbaba #yqdidi #yqquotes #रिश्ता_दिल_का #आचरण #सोचतेसोचते #वहम #penofasoul