ग़र सिरहाने पर तेरे बाजूओं का तकिया हो, फिर सुकून की नींद भला कैसे ना मयस्सर हो..... #perceptions anshul #waiting ग़र सिरहाने पर तेरे बाजूओं का तकिया हो, फिर सुकून की नींद भला कैसे ना मयस्सर हो..... Devika❣️