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चना दिनांक 18 जनवरी 2025 वार शनिवार सुबह पांच ब

चना दिनांक 18  जनवरी 2025  
वार शनिवार
सुबह पांच बजे
्भावचित्र ्
््निज विचार ््
््शीर्षक ््
्््छाया चित्र में दिखाया गया जलसागरमें लहरों से क़ंदन और पंछी पक्षियों में,
 जलचर प्राणी जीवाश्म अपना अंश में क्या है माजरा दुध का दुध पानी का पानी होना चाहिए,,
 यही सच्चाई देखकर जलसागर से शिक्षा दीक्षा गृहण करना चाहिए।।
जो कुछ भी है वह सब कुछ मेरा अपना है ऐसा नहीं है ््
जो भी है वह विशाल ह्रदय में वास करने वाले समुद्र से आशय यह है,,
यही भाव जनमानस में हो तो दुनिया में रामराज्य आ सकता है ्््
््््
वह सब कुछ देता है लेकिन जनमानस से लेता कुछ भी नहीं है।।
जलसाघर के सागर में मन का सागर भरा हुआ निज विचार ग़ंन्थ साहित्य है,,
यह ईधन से मानस रंजन आत्मप्रेम से नवीन ऊर्जा का संचार होना चाहिये ।।
जो कर्म से भाग्य विधाता ने देश धर्म कर्म का मर्म सुंदर सुजान हर,,
देशवासियों में सकल जगत के विश्ववासियो में अपने अपने देश के प्रति जागरूक हो वफादारी होना चाहिए।।
आज हम प्राकृतिक सौंदर्यता से हिमकणो से अच्छादित वन जंगल पहाड़ धरती पर साकार लोक में,
भ़मण करते हुए धनलक्ष्मी वर्षा से शीतकालीन मानस में ,
गर्म कपड़ों का परिधान पहनने से शारीरिक सुरक्षा में स्वस्थ रहना
 स्वस्थ् मानसिक तनाव मुक्त जीवन सफल बनाएं।।
आप मेरे जैसे लोग अवश्य ही सुन्दर और सार्थक प्रयास करते हुए जीवन पर आधारित स्वस्थ्य मानसिक रूप से एक पूजा एक दर्शन करने में ऐकेश्वर केशवजी  का संन्धि ्विन्यास ्के। ,,््शव ्से आशय है ््
क्या जीवन है और  हैं ्अर्थ प्रधान जग जीवन में
 कुछ धरा नहीं जीवन में सब कुछ है लेकिन कुछ नहीं है मेरा यह कहता है।।
 यह जलसागर मह मान सम्मान से परेय अनजान सबमें अपने को समाया है।।
यही सोच अगर आप हम में विस्तृत हो तभी कोई रिश्ता अमूमन कामयाबी,
 के शिखर पर जिंदगी में पहुंच सकता है।।
यही दर्शन ईश वंदना प्राप्त कर सकते हैं,,,
तभी तो दुनिया में कलम दवात कागज पर लिखकर चित्र में,
 सत्य मेव सम्प्रभुता सत्य जयते बनाएं रख सकते हैं।।
्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््
18 जनवरी। 2025

©Shailendra Anand  आज का विचार सुप्रभात Extraterrestrial life Entrance examination
कवि शैलेंद्र आनंद
चना दिनांक 18  जनवरी 2025  
वार शनिवार
सुबह पांच बजे
्भावचित्र ्
््निज विचार ््
््शीर्षक ््
्््छाया चित्र में दिखाया गया जलसागरमें लहरों से क़ंदन और पंछी पक्षियों में,
 जलचर प्राणी जीवाश्म अपना अंश में क्या है माजरा दुध का दुध पानी का पानी होना चाहिए,,
 यही सच्चाई देखकर जलसागर से शिक्षा दीक्षा गृहण करना चाहिए।।
जो कुछ भी है वह सब कुछ मेरा अपना है ऐसा नहीं है ््
जो भी है वह विशाल ह्रदय में वास करने वाले समुद्र से आशय यह है,,
यही भाव जनमानस में हो तो दुनिया में रामराज्य आ सकता है ्््
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वह सब कुछ देता है लेकिन जनमानस से लेता कुछ भी नहीं है।।
जलसाघर के सागर में मन का सागर भरा हुआ निज विचार ग़ंन्थ साहित्य है,,
यह ईधन से मानस रंजन आत्मप्रेम से नवीन ऊर्जा का संचार होना चाहिये ।।
जो कर्म से भाग्य विधाता ने देश धर्म कर्म का मर्म सुंदर सुजान हर,,
देशवासियों में सकल जगत के विश्ववासियो में अपने अपने देश के प्रति जागरूक हो वफादारी होना चाहिए।।
आज हम प्राकृतिक सौंदर्यता से हिमकणो से अच्छादित वन जंगल पहाड़ धरती पर साकार लोक में,
भ़मण करते हुए धनलक्ष्मी वर्षा से शीतकालीन मानस में ,
गर्म कपड़ों का परिधान पहनने से शारीरिक सुरक्षा में स्वस्थ रहना
 स्वस्थ् मानसिक तनाव मुक्त जीवन सफल बनाएं।।
आप मेरे जैसे लोग अवश्य ही सुन्दर और सार्थक प्रयास करते हुए जीवन पर आधारित स्वस्थ्य मानसिक रूप से एक पूजा एक दर्शन करने में ऐकेश्वर केशवजी  का संन्धि ्विन्यास ्के। ,,््शव ्से आशय है ््
क्या जीवन है और  हैं ्अर्थ प्रधान जग जीवन में
 कुछ धरा नहीं जीवन में सब कुछ है लेकिन कुछ नहीं है मेरा यह कहता है।।
 यह जलसागर मह मान सम्मान से परेय अनजान सबमें अपने को समाया है।।
यही सोच अगर आप हम में विस्तृत हो तभी कोई रिश्ता अमूमन कामयाबी,
 के शिखर पर जिंदगी में पहुंच सकता है।।
यही दर्शन ईश वंदना प्राप्त कर सकते हैं,,,
तभी तो दुनिया में कलम दवात कागज पर लिखकर चित्र में,
 सत्य मेव सम्प्रभुता सत्य जयते बनाएं रख सकते हैं।।
्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््
18 जनवरी। 2025

©Shailendra Anand  आज का विचार सुप्रभात Extraterrestrial life Entrance examination
कवि शैलेंद्र आनंद