पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि, जलमन्नं सुभाषितम्। मूढैः पाषाणखण्डेषु, रत्नसंज्ञा विधीयते॥ पृथ्वी पर तीन रत्न हैं - जल, अन्न और सुन्दर वचन। मूर्खों ने ही पत्थर के टुकड़ों (हीरे आदि)को रत्न का नाम दिया हुआ है ©संस्कृत भाषा ( शिक्षक ) Facebook pages #WoSadak