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بھیگی پلکیں मत कहो खारा इन आंसुओं को यह अपने अंदर

بھیگی پلکیں मत कहो खारा इन आंसुओं को
यह अपने अंदर एक मिठास रखती है
जब अच्छे-अच्छे छोड़ देते हैं साथ
पराए को भी अपने पास रखती है

जरूरी नहीं कि अपने आंखों में अपनी ही आंसू हो
यह आशु जनाब अहमियत खास रखती है
और दर्द को दर्द में हमदर्द मिले फिर भी
ये जुबा होठों पर हरदम काश रखती है!

©Gudiya Gupta (kavyatri).....
  #Mithas आशु