राधा ने कही_। कान्हा को कुछ बातें_ तुम आ जाते...! हमें बुलाते_ मिलने के लिए भी_ एक हो जाते....! हां मिलकर_ मन गीत को गाते_ प्रेम से हम....! मन है टूटा_ जैसे वृक्ष से पता_ तुम ना आए....! उर का दुख_ अब किसे सुनाऊं_ कोई न जाने.....! हुई बावरी_ तुम्हारे प्रीत में मैं_ देख सांवरे....! अरे! देखो ये_ प्रेम है अनश्वर_। प्रेम ईश्वर......! सुधा त्रिपाठी यह रचना हाइकु विधा पर आधारित है जिसे राहुल जी ने मुझे सिखाया है #Art#haiku#nojotonews#nojotoapp Priya Gour indira Monika pandey आपका जीत (दिल जीत) कवि राहुल पाल