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तुलसीदास जी 15वीं शताब्दी में थे। यानी आज से करीब

तुलसीदास जी 15वीं शताब्दी में थे।
यानी आज से करीब 700 वर्ष पूर्व।

तुलसीदास जी ने रामचरितमानस लिखा।

इन बीते हुए 700 वर्षों में।
न जाने कितने विद्वान, आलोचक, प्रशंसक पैदा हुए।
परंतु किसी ने भी रामचरितमानस वैसे नही पढ़ा।
जैसे कि आज के राजनीतिज्ञ इसे पढ़ रहे हैं।

ऐसा इसलिए है।
क्यों कि आज के राजनीतिज्ञ,
पढ़ते बहुत हैं।
और सब इसे खूब पढ़ रहे हैं।

                                       ......कौशल तिवारी


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©Kaushal Kumar
  #रामचरितमानस