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मुक्तक अपनी वाणी से अंतस चुभोने चले। खुद को अज्ञा

मुक्तक
अपनी वाणी से अंतस चुभोने चले।

खुद को अज्ञान के संग डुबोने चले।

छोड़ मां बाप अपनों को सूनी सड़क।

तट पे फिर सिंधु के पाप धोने चले।

©Dr Nutan Sharma Naval
  #मुक्तक_श्रृंखला