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**पुलवामा की कोख में......** पुलवामा की कोख में क

**पुलवामा की कोख में......**

पुलवामा की कोख में
कितने गुलाब बिखर गए,
वीर सपूतों को खोया था,
भारत मेरा उस दिन रोया था।

एक ही दिन में गमलों के
कितने फूल बिखर गए थे,
कितनी सुहागिनों के सिंदूर मिटे,
कितनी बहनों की राखियाँ टूट गईं।

कितनी माँओं के आँचल उजड़ गए,
कितने पिताओं की उम्मीदें रूठ गईं।
काँप उठता है दिल मेरा,
जब वह मंजर याद आता है।

पुलवामा के आतंकी  कृत्यों से,
वैलेंटाइन डे भी ब्लैक डे नजर आता है...

सौ. सुधा सुधीर  बेटगेरी

©Sudha  Betageri #sudha
**पुलवामा की कोख में......**

पुलवामा की कोख में
कितने गुलाब बिखर गए,
वीर सपूतों को खोया था,
भारत मेरा उस दिन रोया था।

एक ही दिन में गमलों के
कितने फूल बिखर गए थे,
कितनी सुहागिनों के सिंदूर मिटे,
कितनी बहनों की राखियाँ टूट गईं।

कितनी माँओं के आँचल उजड़ गए,
कितने पिताओं की उम्मीदें रूठ गईं।
काँप उठता है दिल मेरा,
जब वह मंजर याद आता है।

पुलवामा के आतंकी  कृत्यों से,
वैलेंटाइन डे भी ब्लैक डे नजर आता है...

सौ. सुधा सुधीर  बेटगेरी

©Sudha  Betageri #sudha