रचना दिनांक३१,,१०,,,,२०२३ वार मंगलवार समय ््सुबह १०,,०० ््््शीषक ््शीर्षक ्््््लोकतंत्र के मंदिर में जनमानस का पूजन होता है,, जब मतदान का अभय वचन निर्वाचन आयोग का कथन और सच्चाई में वो पारदर्शिता की निशानी है ।। ््््् देश के प्रजातांत्रिक स्वरूप में लोककल्याण कारी ,, मनो भावों से सजाया गया देश का सम्मान संविधान विशेषज्ञ आयोग प्रमुख श्री भीमराव अम्बेडकर और उनके सहयोगियों का एक जीवंत मसौदा विधेयक मूलरुप से संविधान का स्वरूप बनाया गया है जिसमें लोकतंत्र की नींव रखी और आज उनके अथक प्रयास से।आजाद भारत में।। अर्वाचीन प्राचीन सभ्यताओं में मानव सभ्यता और संस्कृति समाज और संस्कृतियों में देश के लिए सम्पूर्ण रामराज्य की परिकल्पना महात्मा गांधी जी और अम्बेडकर जी ने पहले इन्सान को इन्सान बनाया है यही प्रक्रिया ने नेहरू जी और लाल बहादुर शास्त्री सरदार पटेल और श्रीमती इंदिरा गांधी जी जिंनका पूण्य स्मरण शक्ति पूंज सम्मान में देश भर में सुंकून से सजाया अपनी दिशा में लोकतंत्र मंन्दिर नया तराना अनुभव अभिवादन सम्मान से आगे बढा है और राष्ट्र की नीतियों से संवैधानिक मर्यादा में रहकर विकास सहयोग भागीदारी से सजाया गया है देश के चहुंमुखी विकास कार्य प्रगति करते हुए लोगों से देश में अवाम में खुशहाली आती है और यह संदेश मतदान से मतदाता जागरूकता अभियान संवाद सम्बोधन में देश चले यही स्वच्छ प्रजातंत्र की आत्मा है।।। ्््््् कवि शैलेंद्र आनंद ३१अक्टूम्बर २०२३ ©Shailendra Anand #delhiearthquake