शायरी फूलों का मुस्कुराना, उगते सूरज के संग, सुबह सुबह फुलों का, यूं,खिल खिलाना। बहुत याद आता है, गांव के आंगन में फूलों का मुस्कुराना। Meenakshi Sharma फूलों का मुस्कुराना