कर ले मेरी मुहोबत कबूल अब मुझे और ना तरसा पिगल ने लगा है मेरा दिल तेरे लिए अब तू अपने शहर को डूबाने के लिए मेरी अखो से बारिश न करवा में भी किसी मा का राजा बेटा हूं तू अब मेरी हालत फकीर सी न करवा meri halat fakir si na kar va