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ना रुकती है वो, ना ठहरित है वो और ना ही कभी हार मा

ना रुकती है वो, ना ठहरित है वो और ना ही कभी हार मानती है वो। 
अपने दिलबर से मिलने को कित्ता तरसती है वो,
पल भर के  लिए ही सही पर मिलती है वो।
ना कोई शिकायत है उसे ज़िन्दगी से ना ही कोई गिला शिकवा,
पल भर के लिए ही सही,पर वो मिलती है  एक  वक़्त मितवा.....


घड़ी की सुइयां..... घड़ी की सुइयों का प्यार और तड़प....
ना रुकती है वो, ना ठहरित है वो और ना ही कभी हार मानती है वो। 
अपने दिलबर से मिलने को कित्ता तरसती है वो,
पल भर के  लिए ही सही पर मिलती है वो।
ना कोई शिकायत है उसे ज़िन्दगी से ना ही कोई गिला शिकवा,
पल भर के लिए ही सही,पर वो मिलती है  एक  वक़्त मितवा.....


घड़ी की सुइयां..... घड़ी की सुइयों का प्यार और तड़प....