कुछ तो बात थी उन बारिश की बूंदों में किसी की याद भी थी बारिश की बूंदों में लम्हां गुजर गया, अहसास जिंदा रहा, कुछ तो गुजारिश थी उन बारिश की बूंदों में। वो पेड़ की छाँव, और भीगे -भीगे हम दोनों, एक अतृप्त प्यास थी उन बारिश की बूंदों में। मन से पास थे ,जिस्म की दूरियाँ थी, कुछ मर्यादा भी थी उन बारिश की बूंदों में। उसके काँधे का सहारा एक मजबूत अहसास था मैं महफूज़ थी उन बारिश की बूंदों में। "सपना" वो बारिश का मौसम😊