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सोचती हुँ उससे मिलुँगी तो फिर क्या कहुँगी , सारी

सोचती हुँ उससे मिलुँगी तो फिर क्या कहुँगी , 
सारी बाते तो पहले ही तय हो चुकी हैँ...
बिछड़ने के शर्त पर मिलना तय हो चुका है और
किसी गैर  की ज़मी पर बना रही हुँ आशियाँ ,
उजड़ने के शर्त पर संवरना तय हो चुका हैँ ...

©Monika Suman
  #ms #monikabijendra