सारी जिंदगी की अनैतिकता से कमाई जेब तो भारी हुई पर आत्मा से हुई रुसवाई अंत समय में जेब ने दिया जब साथ छोड़ तब अतृप्त आत्मा ने दिया लताड़ तेरी जेब लूट गई नहीं कोई तेरे लिए रोयेगा इस अग्नि से अब क्या छूट पायेगा मकसद क्या था तेरा इस जन्म में आने का शायद ही तुम अगले सात जन्म बाद फिर इंसान बन समझ पायेगा ✍️कमल भंसाली सात जन्म बाद