घोड़े की रफ्तार तेज से मध्म होती जा रही थी, शांति ऐसी थी वातावरण में के धीमीं से धीमीं आवाज सुनी जा सकती थी... part 2 !!"full read in caption"!! Guru virk ✍©️ घोड़े की रफ्तार तेज से मध्म होती जा रही थी, शांति ऐसी थी वातावरण में के धीमीं से धीमीं आवाज सुनी जा सकती थी, घुड़सवार पीछे मुड़कर देखता है, उसने जंगल को मीलों दूर पीछे छोड़ दिया है,