शामें ढलती ढलती बेरंग हो चुकी रातें ऐसे गुजरी कि, आँखें नम हो चुकी अब उसके सिवा कुछ नज़र नहीं आता, दोस्त.. कि फिर दिन चढ़ा और शाम हो चुकी ... कहने को तो लफ्जों में थी बातें बहुत मगर लगता है अब सारी हदें पार हो चुकी, कभी किसी को बेपनाह चाहे कोई वो मोहब्बत कैसी अरे अब कोई हमे रुला दे ज़माने में वो बात खत्म हो चुकी.... ©Anshu Maan #SuperBloodMoon #Shaayari #gazal #Halfheart