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क्या बताऊँ तुझे, की जी रहा हूँ कुछ लम्हों के सहारे

क्या बताऊँ तुझे, की जी रहा हूँ कुछ लम्हों के सहारे ।।
इतना तो पता है मुझे, शायद तुझे भी सोने नहीं देते होंगे ये लम्हे हमारे ,,
सपने तो ऐसे आते हैं मुझे, की हाथ तेरा सर पे मेरे और सर है गोद में तुम्हारे,,
क्या बताऊँ तुझे, की जी रहा हूँ इन सपनों के सहारे।।
अब तो आदत सी हो गयी है मुझे, कहने की "हद हो गयी तेरी वाली " शब्द तुम्हारे,,
तेरे बिना कौन बोले 'डठा' मुझे, अब सुनना अच्छा लगता है 'I LOVE YOU HIMANSHU ' मुँह से तुम्हारे,,
क्या बताऊँ तुझे, जी रहा हूँ इन शब्दों के सहारे।।
,,,,,,,,,,,,,, ,,,  H.D. #क्या बताऊँ तुझे,,,,,, #firsttime
👉first try on #love 
please like and give your opinion
क्या बताऊँ तुझे, की जी रहा हूँ कुछ लम्हों के सहारे ।।
इतना तो पता है मुझे, शायद तुझे भी सोने नहीं देते होंगे ये लम्हे हमारे ,,
सपने तो ऐसे आते हैं मुझे, की हाथ तेरा सर पे मेरे और सर है गोद में तुम्हारे,,
क्या बताऊँ तुझे, की जी रहा हूँ इन सपनों के सहारे।।
अब तो आदत सी हो गयी है मुझे, कहने की "हद हो गयी तेरी वाली " शब्द तुम्हारे,,
तेरे बिना कौन बोले 'डठा' मुझे, अब सुनना अच्छा लगता है 'I LOVE YOU HIMANSHU ' मुँह से तुम्हारे,,
क्या बताऊँ तुझे, जी रहा हूँ इन शब्दों के सहारे।।
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