◆◆ आखिरी ख्वाहिश ◆◆ तुमसे मिलकर फिर मिलना क्यों जरूरी था कुछ अधूरे संवाद अर्धविराम पर थे कुछ प्रश्नचिन्हों के अर्थ छूट गए थे तुम्हारी अनिवार्यता अधूरी पूर्णतया बन गई थी। तुम आँखों में बंद सपनों की तरह रह गए थे या फिर तुमसे मिलने की बेसब्री में मिलकर बेकरारी को बढ़ा दिया था एक भी तहरीर इनमें से ऐसी नही थी जो तुमसे मिलने की वजह बन सकती।☺ तुमसे पुनः मिलना सम्पूर्णता थी ताउम्र की अधूरी ख्वाहिश समेटने के लिए अनिवार्यता थी पुनः मुलाकात।😍👫 तुम्हारा पूर्णविराम हो जाना मेरे जीवन में आधे-अधूरे मुलाकात को जीवन भर की तड़प, कसक, अफसोस रह जाने से निजात दिलाने की जिद। खुद को सम्पूर्ण पाने की चाहत खुद की बेकरारियों को समेटकर तुम्हे सौंपने की चाहत तुमसे पुनः मिलने की "आखिरी ख्वाहिश" थी।।☺ -✍️ अभिषेक यादव #lovey