क्यों वोट देने में खोट है ?? एक नागरिक वोट देते ही अपनी स्वेच्छा से चुनता है अपनी गुलामी वो अपनी सारी संवैधानिक अधिकार संविधान से बनी सभी असंवैधानिक तंत्र के हवाले कर देता है एक बार वोट दे दे फिर उसे झुकना पड़ता है पुलिस की लाठी के सामने कोर्ट के सामने हस्पताल में सरकारी अधिकारियों के सामने और फिर सरकार के सामने वोट पाकर सभी उपरोक्त माननीय है और वोट देने वाला अमाननीय ©मिहिर #वोट में खोट