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पर्वत लिखूं ,नदिया लिखूं या खेत खलियान लिखूं। या

पर्वत लिखूं ,नदिया लिखूं
या खेत खलियान 
लिखूं।
या फिर जिस पे मरता हूं 
उस चेहरे की मुस्कान 
लिखूं।।

©Ashvani Awasthi
  #truecolors कवि अश्वनी अवस्थी

#truecolors कवि अश्वनी अवस्थी #शायरी

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