Nojoto: Largest Storytelling Platform

तेरे हिस्से में आईं जहां भर की खुशियां तमाम, हमारे

तेरे हिस्से में आईं जहां भर की खुशियां तमाम,
हमारे हिस्से तो फ़क़त ज़माने के गम आये हैं। 

तही दस्त नहीं लौटता तेरे दर से कोई फकीर,
सो तुमसे तुम्ही को पाने हम, सहर-ए-दम आये हैं।

तेरे अल्फ़ाज़ों के तीरों ने यूं ज़ख्मी किया हमें,
इसलिए अपनी आशनाई में खम-दर-खम आये हैं।

बर्ग-ए-खिजां ने टूटते ही चूमा जो फ़र्श-ए-हज़ीं,
तुमसे बिछड़ते ही हम भी आगोश-ए-ग़म आये हैं।

खूब सजीं है मेरे शहर में आज महफिलें तेरी,
तभी हमारी मय्यत पे अहल-ए-वफ़ा कम आये हैं।

मुंतज़िर था तेरी दीद को दफन होने से पहले,
वक़्त-ए-दफन आये भी तो बे-चश्म-ए-नम आये हैं।

तही दस्त : Empty handed
सहर-ए-दम : Early in the morning
आशनाई : Relationship	
खम-दर-खम : Twist within twist
बर्ग-ए-खिजां : Leaf of autumn
फ़र्श-ए-हज़ीं : Mourning ground
आगोश-ए-ग़म : Embrace of sadness
अहल-ए-वफ़ा : Loyalists
मुंतज़र : Expecting
दीद : Seeing
बे-चश्म-ए-नम : without tears in eyes

©Sameer Kaul 'Sagar' #Apocalypse
तेरे हिस्से में आईं जहां भर की खुशियां तमाम,
हमारे हिस्से तो फ़क़त ज़माने के गम आये हैं। 

तही दस्त नहीं लौटता तेरे दर से कोई फकीर,
सो तुमसे तुम्ही को पाने हम, सहर-ए-दम आये हैं।

तेरे अल्फ़ाज़ों के तीरों ने यूं ज़ख्मी किया हमें,
इसलिए अपनी आशनाई में खम-दर-खम आये हैं।

बर्ग-ए-खिजां ने टूटते ही चूमा जो फ़र्श-ए-हज़ीं,
तुमसे बिछड़ते ही हम भी आगोश-ए-ग़म आये हैं।

खूब सजीं है मेरे शहर में आज महफिलें तेरी,
तभी हमारी मय्यत पे अहल-ए-वफ़ा कम आये हैं।

मुंतज़िर था तेरी दीद को दफन होने से पहले,
वक़्त-ए-दफन आये भी तो बे-चश्म-ए-नम आये हैं।

तही दस्त : Empty handed
सहर-ए-दम : Early in the morning
आशनाई : Relationship	
खम-दर-खम : Twist within twist
बर्ग-ए-खिजां : Leaf of autumn
फ़र्श-ए-हज़ीं : Mourning ground
आगोश-ए-ग़म : Embrace of sadness
अहल-ए-वफ़ा : Loyalists
मुंतज़र : Expecting
दीद : Seeing
बे-चश्म-ए-नम : without tears in eyes

©Sameer Kaul 'Sagar' #Apocalypse