मनहरण घनाक्षरी:- वैवाहिक वर्षगाँठ , लाए खुशियों के ठाठ , राम सिया जोड़ी यह , अपनी बनाइये । हँसते मुस्काते रहो , खुशियां मनाते रहो , कोई जब रूठ जाए , प्यार से मनाइये । पग-पग साथ यूँ ही , चलो दिन रात यू ही , प्यार भरे गीत अब , सबको सुनाइये । माँग यू ही भरी रहे , साथ यू ही बना रहे , प्रभु इस ओर भी तो , ध्यान लगाइये ।। ३०/०५/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी:- वैवाहिक वर्षगाँठ , लाए खुशियों के ठाठ , राम सिया जोड़ी यह , अपनी बनाइये । हँसते मुस्काते रहो , खुशियां मनाते रहो , कोई जब रूठ जाए , प्यार से मनाइये । पग-पग साथ यूँ ही , चलो दिन रात यू ही , प्यार भरे गीत अब , सबको सुनाइये ।