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क्षणिकाएं हवा खराब है न फिंज़ा है खराब नजरियों को अ

क्षणिकाएं
हवा खराब है
न फिंज़ा है खराब
नजरियों को अपने
बस सही रखिये।

हृदय मे स्वच्छता
मन मे हो निर्मलता
प्रेम मे हो शुद्धता
तब सच्चा प्रेम जानिये।

मन कोमल कोमलांगी का
कबहुँ न कलुषित कीजिए
प्रेम सार्थक होय तभी 
जब हृदय शुद्ध कीजिए।
✍लक्ष्मीनरेश खुद से नासमझ न बन
प्रेम की मधुरता को समझ
किसी का दिल न दुखाना
उसकी विवशता भी समझ।
#दिल_की_आवाज़
#NightPath
क्षणिकाएं
हवा खराब है
न फिंज़ा है खराब
नजरियों को अपने
बस सही रखिये।

हृदय मे स्वच्छता
मन मे हो निर्मलता
प्रेम मे हो शुद्धता
तब सच्चा प्रेम जानिये।

मन कोमल कोमलांगी का
कबहुँ न कलुषित कीजिए
प्रेम सार्थक होय तभी 
जब हृदय शुद्ध कीजिए।
✍लक्ष्मीनरेश खुद से नासमझ न बन
प्रेम की मधुरता को समझ
किसी का दिल न दुखाना
उसकी विवशता भी समझ।
#दिल_की_आवाज़
#NightPath

खुद से नासमझ न बन प्रेम की मधुरता को समझ किसी का दिल न दुखाना उसकी विवशता भी समझ। #दिल_की_आवाज़ #NightPath